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Sunday

ज्यादा से ज्यादा भारतियों को इंटरनेट से जोड़ने की एक पहल - 1 करोड़ रेल यात्रियों प्रतिदिन से शुरुआत

(To read in English, please scroll down)

Bringing the Internet to more Indians – starting with 10 million rail passengers a day


जब मैं एक छात्र था, मैं चेन्नई सेंट्रल स्टेशन (तब मद्रास सेंट्रल के रूप में जाना जाता था) से आईआईटी खड़गपुर की दिन की रेल यात्रापसंद करता था । मुझे विभिन्न स्टेशनों पर उन्मत्त ऊर्जा की याद आज भी ताजा है और मैं भारतीय रेल के अविश्वसनीय स्तर और विस्तार पर अचम्भा करता था ।




मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि ये भारत के रेलवे स्टेशन हैं जो करोड़ों लोगों को ऑनलाइन लाने में मदद करेंगे । पिछले साल, भारत में 10 करोड़ लोगों ने पहली बार इंटरनेट उपयोग शुरू किया है । इसका मतलब यह है कि भारत में अब चीन को छोड़ कर हर देश से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं । पर चौंकाने वाली बात ये है की भारत में अभी भी 100 करोड़ से ज़्यादा लोग ऑनलाइन नहीं हैं । 

हम इन 100 करोड़ भारतवासियों को ऑनलाइन लाने में मदद करना चाहते हैं - ताकि उन्हें पूरे वेब तक पहुँच मिल सके, और वहां मौजूद जानकारी और अवसर भी । और किसी पुराने कनेक्शन से नहीं - तेज़ ब्रॉडबैंड से ताकि वे वेब का सबसे अच्छा अनुभव कर सकें । इसलिए आज, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के हमारे U.S. मुख्यालय में उपस्थित होने के अवसर पर, और उनकी डिजिटल इंडिया पहल के अनुरूप, हमने भारत भर में 400 रेलवे स्टेशनों में सार्वजनिक उच्च गति वाई-फाई उपलब्ध कराने के लिए एक नई परियोजना की घोषणा की है ।

हमारी पहुंच और ऊर्जा टीम की, भारतीय रेलवेज, जो कि दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्कों में से एक चला रही है, और रेलटेल, जो व्यापक फाइबर नेटवर्क के माध्यम से रेलवायर जैसी इंटरनेट सेवाएं प्रदान करता है, के साथ काम करते हुए आने वाले महीनों में पहले स्टेशनों को ऑनलाइन लाने की योजना है। यह नेटवर्क 2016 के अंत से पहले भारत में सबसे व्यस्त स्टेशनों में से 100 को कवर करने के लिए तेजी से विस्तार करेगा, और शेष स्टेशन उसके बाद जल्द ही कवर होंगे । 


जब सिर्फ पहले 100 स्टेशन ऑनलाइन होंगे, तब भी इस परियोजना के माध्यम से हर दिन 1 करोड़ से अधिक लोगों के लिए वाई-फाई उपलब्ध होगा। यह भारत में सबसे बड़ी सार्वजनिक वाई-फाई परियोजना होगी, और संभावित उपयोगकर्ताओं की संख्या के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी परियोजनाओं में गिनी जाएगी । यह वाई-फाई तेज़ भी होगा - भारत में अधिकतम लोग आज जो उपयोग करते हैं उसकी तुलना में कई गुना तेज़ । इस से यात्री जितनी देर इंतज़ार कर रहे हैं उतनी देर में एक उच्च परिभाषा वीडियो स्ट्रीम कर पाएंगे, अपने गंतव्य के बारे में कुछ अनुसंधान कर पाएंगे या कुछ वीडियो, एक पुस्तक या एक नया खेल डाउनलोड कर पाएंगे । सबसे अच्छी बात, यह सेवा शुरू में मुफ्त होगी, और भविष्य में इसे आत्मनिर्भर बनाने का दीर्घकालीन लक्ष्य है ताकि रेलटेल और अधिक भागीदारों के साथ अधिक स्टेशनों और अन्य स्थानों में इसका विस्तार किया जा सके । 

हमें लगता है कि यह 30 करोड़ से अधिक भारतीय जो पहले से ही ऑनलाइन हैं और लगभग एक अरब से अधिक है जो नहीं हैं, उनके लिए इंटरनेट को सुलभ और उपयोगी बनाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है । 

पर यह सिर्फ एक हिस्सा है । अधिक भारतीयों को सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाले स्मार्टफोन्स प्राप्त करने के लिए, जो अधिकतम लोगों के लिए इंटरनेट का उपयोग प्राथमिक तरीका है, हमने पिछले साल एंड्राइड वन फ़ोन लांच किया था । सीमित बैंडविड्थ की चुनौतियों से निपटने में मदद करने के लिए, हम हाल ही में मोबाइल वेब पृष्ठों को तेजी से और कम डेटा के साथ लोड करने की सुविधा लाये हैं, यूट्यूब ऑफ़लाइन उपलब्ध बनाया है और ऑफलाइन मैप्स जल्द ही आने वाला है ।

भारतीयों, जिनमे से कई अंग्रेजी नहीं बोलते, के लिए वेब सामग्री और अधिक उपयोगी बनाने में मदद करने के लिए और अधिक स्थानीय भाषा की सामग्री को बढ़ावा देने के लिए हमने पिछले साल भारतीय भाषा इंटरनेट एलायंस की शुरूआत की है, और हमारे उत्पादों में अधिक से अधिक स्थानीय भाषा समर्थन का निर्माण किया है - हिंदी वॉयस खोज, उन्नत हिंदी कीबोर्ड और एंड्राइड के नवीनतम संस्करण में सात भारतीय भाषाओं के लिए समर्थन में सुधार । और अंत में, सभी भारतीयों को कनेक्टिविटी का लाभ लेने में मदद करने के लिए, हमने महिलाओं, जो कि आज भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का सिर्फ एक तिहाई भाग हैं, की मदद करने में अपने प्रयास और तेज़ किये हैं ताकि वे वेब से अधिकतम लाभ उठा सकें । 

हज़ारों युवा भारतीय हर दिन चेन्नई सेंट्रल से निकलते हैं, जैसे मैं कई साल पहले निकलता था, सीखने और जानने के लिए उत्सुक, और अवसर की तलाश में । मेरी आशा है कि यह वाई-फाई परियोजना इन सब बातों को थोड़ा आसान कर देगी । 

सुन्दर पिचई, सीईओ, गूगल के द्वारा प्रकाशित

Bringing the Internet to more Indians – starting with 10 million rail passengers a day

When I was a student, I relished the day-long railway journey I would make from Chennai Central station (then known as Madras Central) to IIT Kharagpur. I vividly remember the frenetic energy at the various stations along the way and marveled at the incredible scale and scope of Indian Railways.

I’m very proud to announce that it’s the train stations of India that are going to help get millions of people online. In the past year, 100 million people in India started using the Internet for the first time. This means there are now more Internet users in India than in every country in the world aside from China. But what's really astounding is the fact that there are still nearly one billion people in India who aren’t online.

We’d like to help get these next billion Indians online—so they can access the entire web, and all of its information and opportunity. And not just with any old connection—with fast broadband so they can experience the best of the web. That’s why, today, on the occasion of Indian Prime Minister Narendra Modi’s visit to our U.S. headquarters, and in line with his Digital India initiative, we announced a new project to provide high-speed public Wi-Fi in 400 train stations across India.

Working with Indian Railways, which operates one of the world's largest railway networks, and RailTel, which provides Internet services as RailWire via its extensive fiber network along many of these railway lines, our Access & Energy team plans to bring the first stations online in the coming months. The network will expand quickly to cover 100 of the busiest stations in India before the end of 2016, with the remaining stations following in quick succession.

Even with just the first 100 stations online, this project will make Wi-Fi available for the more than 10 million people who pass through every day. This will rank it as the largest public Wi-Fi project in India, and among the largest in the world, by number of potential users. It will also be fast—many times faster than what most people in India have access to today, allowing travelers to stream a high definition video while they’re waiting, research their destination, or download some videos, a book or a new game for the journey ahead. Best of all, the service will be free to start, with the long-term goal of making it self-sustainable to allow for expansion to more stations and other places, with RailTel and more partners, in the future.

We think this is an important part of making the Internet both accessible and useful for the more than 300 million Indians already online, and the nearly one billion more who are not.

But it’s not the only piece. To help more Indians get access to affordable, high-quality smartphones, which is the primary way most people there access the Internet, we launched Android One last year. To help address the challenges of limited bandwidth, we recently launched a feature that makes mobile webpages load faster and with less data, and we’ve made YouTube available offline with offline Maps coming soon

To help make web content more useful for Indians, many of whom don’t speak English, we launched the Indian Language Internet Alliance last year to foster more local language content, and have built greater local language support into our products—including Hindi Voice Search, an improved Hindi keyboard and support for seven Indian languages with the latest versions of Android. And finally, to help all Indians reap the benefits of connectivity, we’ve been ramping up efforts to help women, who make up just a third of Internet users in India today, get the most from the web.

Just like I did years ago, thousands of young Indians walk through Chennai Central every day, eager to learn, to explore and to seek opportunity. It’s my hope that this Wi-Fi project will make all these things a little easier. 

Posted by Sundar Pichai, CEO, Google